प्लास्टिक किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं?
रासायनिक रूप में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन जैसे एथिलीन ,एसिटीलीन आदि के उच्च अणु भार के बहुलक प्लास्टिक पदार्थ होते है ,प्लस्टिक वह पदार्थ है जो बनने के क्रम में कभी मुलयम रहता है तो उसे सांचो में आसानी से ढला जा सकता है। जैसे क्लोराइड, पाँलीथीन, पोलिविनायल आदि।
प्लास्टिक कितने प्रकार के होते है?
- थर्मोप्लास्टिक
- थर्मोसेटिंग प्लास्टिक
थर्मोप्लास्टिक-
वह प्लास्टिक जो गर्म करने पर सरलता से विकृत हो जाता है, उसे थर्मोप्लास्टिक कहते है। इस प्रकार के प्लास्टिक गरम करने पर मुलायम हो जाते हैं। और ठंडा करने से ठोस हो जाते हैं। इसे आसानी से मोड़ा जा सकता है या किसी अन्यरूप में ढाला जा सकता है| यह उष्मा का सुचालक है, इसका उपयोग कुर्सी, घड़ीया, खिलौनें, और विभिन्न प्रकार के पात्रों के बड़े पैमाने पर निर्माण के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए = पाँलिथीन,पाँली वाईनिल क्लोराइड (PVC) आदि।
थर्मोप्लास्टिक से बनी टूटी फूटी वस्तुऐ बेस्ट प्लास्टिक को दोबार पिघलाकर उपयोग मे लाया जा सकता है, जैसे-इसे विद्यलाकर कोई वस्तु बना लेते है। बाद में वह वस्तु पुराना होकर खराब हो गई तो उसे दोबारा पिघलाकर नया रूप मे अकार दिया जा सकता है। इसीलिए थर्मोप्लास्टिक का प्रयोग कई बार किया जाता है।
थर्मोसेटिंग प्लास्टिक-
वह प्लास्टिक जो गर्म करने पर विकृत नहीं होता, उसे थर्मोसेटिंग प्लास्टिक कहते हैं।थर्मोसेटिंग प्लास्टिक गरम करने पर मुलायम हो जाते हैं, तथा ठंडा करने पर कठोर एवं खुरदुरी हो जाते है, इसे आसानी से मोड़ा नहीं जा सकता और एक बार किसी सांचे में ढाल देने के बाद किसी दूसरे रूप में नहीं बदला जा सकता है।
यह ऊष्मा का कुचालक है। इसका इस्तेमाल बिजली के स्विच, कुकर के हत्थे, रसोई के बर्तेन और विभिन्न प्रकार के बर्तनों के हत्थे आदि बनाने में किया जाता है।
प्लास्टिक के क्या क्या उपयोग है?
हमारी जिंदगी पर प्लास्टिक का गहरा असर है। अनेक प्लास्टिक तो हमारे घर के सदस्य जैसे हो गए हैं, जैसे- नायलॉन, पॉलिस्टर, पॉलीथिन, टेफलॉन बहुउपयोगी और सस्ता होने के कारण प्लास्टिक इतना हुआ है। हमारे पास कई तरह के प्लास्टिक उपलब्ध हैं- कठोर प्लास्टिक, कम वजनी प्लास्टिक, पारदर्शी प्लास्टिक, ताप या बिजली का कुचालक इत्यादि । इन्हीं विशेषताओं के कारण प्लास्टिक बहुपयोगी पदार्थ बन गया है। पैकेजिंग, भवन निर्माण, स्वास्थ्य सुविधाओं, – इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कृषि, खेल सामग्री और वस्त्र उद्योग में इसका व्यापक इस्तेमाल होता है।
आज प्लास्टिक बड़ी तेजी से सभी पारंपरिक पदार्थों जैसे- जूट, कॉटन, चमड़ा, पेपर और रबर का स्थान लेता जा रहा है। अधिकांश प्लास्टिक पेट्रो रसायन खासकर तेल व प्राकृतिक गैस से बनाए जाते हैं, जो सस्ते होते हैं। प्लास्टिक उद्योग का काफी मशीनीकरण हो चुका है और उसमें मानव श्रम का इस्तेमाल कम से कम होता है इस वजह से भी प्लास्टिक सस्ता पड़ता है।
प्लास्टिक हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है कोई भी खरीद करे उसमे किसी न किसी रूप में प्लास्टिक इस्तमाल होती ही है | जिनमे से काफी प्लास्टिक ऐसी होती है जो एक ही बार इस्तेमाल होता है। जैसे स्ट्रो,प्लास्टिक के ढक्कन, पानी की प्लास्टि बोतल आदि । एक बार स्तेमाल के बाद यह कुङा बन जाता है। आरै डंपिंग लैंडाकलिंग के जरिये इन्हें ममुद्र तट पर फेक दिया जाता है जिसके कारण समुद्र में प्लास्टिक कचरे की मात्रा बढाते जा रही है।
इसी विषय पर चर्चा करने के लिए जापान सरकार ने G20 और पयार्वरण एवं उर्जा मंत्रियो को करुई जावा में बैठक के लिए बुलया जिसमे समुद्री कचरे को निपटने का मुदा रखा गया और एक अमल ढाचे को अपनाने की सहमती व्यक्त की।
G20 क्या है
![G20](https://i0.wp.com/answervk.com/wp-content/uploads/2021/09/G20-Answervk.com_.jpg?resize=491%2C276&ssl=1)
G20 विश्व के 20 प्रमुख अर्थव्यवस्था के वित्त मंत्रियो और केंद्री बैंकों के गवर्नर का एक संगठन है। इसमें 19 देशो के साथ योरोपीय संघ शामिल है। यह 19 देश है – कनाडा ,सऊदी अरेबिया, युनाइटेड स्टेट, इंडिया , रशिया, फ्रंस , साऊथ अफ्रीका ,चॉकी , अर्जेटीना ,ब्राजील ,मैक्सिको ,जर्मनी ,इटली ,युनाइटेड किंग्डम ,चाइना ,इंडोनेशिया ,जापान ,साऊथ कोरिया है। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इन दोनों बैठकों में प्लास्टिक वेस्ट को कम करने के लिए सभी देशो के एक प्रोग्रेस रिपोट की मांग की है। सभी समुद्र को साफ करने हेतु व्यक्त करंगे और पहल को कितनी सफलता यह भी उसमे स्पस्ट करंगे।
यह उपाए लाभदयक हुये तो और भी देश इसे अपनाएंगे आज के DNH के माध्यम से चर्चा में चल रहे प्लास्टिक के मुद्दे को समझेंगे।
प्लास्टिक से क्या क्या नुकसान होता है?
सेमिसिथेटिक आर्गेनिक पदर्थो का एक बड़ा समूह जिससे बहुत सारे औद्योगिक पादर्थ बनये जाते है जैसे पौलिथिन , PVC आदि।
![प्लास्टिक के नुकसान](https://i0.wp.com/answervk.com/wp-content/uploads/2021/09/Screenshot_2021-12-22-21-18-43-02_f9ee0578fe1cc94de7482bd41accb329-01.jpg?resize=550%2C310&ssl=1)
खतरनाक कचड़ा यह प्लास्टिक ग्राउंड वाटर पाँल्यूशन का कारण बन जाता है। यह विश्व भर की समस्या है औरै यह समस्या भारत देश में भी है। इसलिए भारत मे 2015 से कई संस्थाए इस कचरे को साफ करने में जुटी है। अब लगभग 12000 टन कचरा साफ किया जा चूका है। मरीन प्लास्टिक वेस्ट को खत्म करने के लिए पिछले 25 सालो से चंद्रवंशी नामक संस्था ने प्रशंसनीय काम किया है यह संस्था वॉशिंगटन में स्थित एक संगठन है जिसका एक ही प्राण है।
स्टार्ट 80 चेंज यह संस्था दुनियाभर के जल निकयो को साफ औरै स्वस्छ रखने का कम करती है। लोग एकजुट हो कर समुद्र को साफ करते है ऐसा करने के लिए ना तो इन्हें कोई धनराशी दी जाती है और ना ही किसी को नियुक्त किया जाता है |ये लोग बस यह बोलते है “ चलो देश में अपना योगदान देते हैं।“ भारत मे रोशन बंज़र्वेसी ने इंटरनेशनल हास्टल क्लीनअप स्थापित किया तो महासागर के स्वास्थ्य के लिए बड़ा स्वयंसेवक प्रयास साबित हुआ।
इस तौर पर देखा जाए तो मुंबई के परसो 15 तक प्लास्ट्रिक कचरा अधीक से अधिक अक्रोज शाह ने जो पेशे से लॉयर है “अपने साथ लोगो को एकजुट कर समुद्री कचरे को उठाना शुरू किया ,लोगो को जो भी कचरा दिखता है उसे बाल्टी मे या जो भी उनके पास साधन होता उसमे उढा के साफ करते थे
भारत में प्लास्टिक मैनेज्मेंट
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2022 तक ऑल सिंगल यूज प्लास्टिक का संकल्प लिया है। इसी के साथ (CPCB)केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट टूस अनुसार 2016 में प्लास्टिक बोतल और गिले कचड़े को अलग अलग रखना होगा। इसे को देखते हुये भारत सरकार ने गिले कचरे के लिए हरा डस्टबिन और सुखे कचरे के लिये निल डस्टबिन का प्रायोग किय।
![pm modi](https://i0.wp.com/answervk.com/wp-content/uploads/2021/09/swachh-bharat-is-followed-by-every-citizen-is-a-pm-modi.jpg?resize=406%2C410&ssl=1)
Non-Biodegradable संबंधी जगरुकता फैलाना
इस टीम कि मेजबनी भारत में ही थी लगभग 35,0000 लोग हपते के 7 दिन भी आकर इन कचरो को साफ करते है तो दुनिया भर मे अब तक 70000 टन कचरा साफ किया जाए लेकिन इसके बावजूद भी 8 टन कचरा आज भी समुद्र मे चला जाता है हमे समुद्री कचरे को खतम करना ही होगा।
प्लास्टिक के नुकसान / दुष्प्रभाव
प्लास्टिक Non-Biodegradable है। यह अक्सर नदिया ,झीलो औरै यह तक की महासागरो और प्रदूषित करत है। वैज्ञानिक अब प्लास्टिक विकसित रहे है जो साब्जयो तेल के औरै अन्य कार्बनिक पदार्थों से बनाया जा सकता है। यह सच है की हम प्लास्टिक का उपयोग बंद नही कर सकते लेकिन हम इसके उपयोग को कम कर सकते है। कई राज्यों ने पाँलिथीन बैग के उपयोग पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
दैनिक जीवन में प्लास्टिक के लगातार पढ़ते इस्तेमाल के कारण जहर का खतरा भी बढता जहर जा रहा है। भारत जैसे देश में सस्ता प्लास्टिक खासकर गरीब तबको के बीच तेजी से बढ़ता जा रहा है साथ ही इसके गलत इस्तमाल से भी स्वस्थ संबंधी बड़े खतरे पैदा हो रही है। जागरूकता की कमी और प्लास्टिक के विस्तरण की समुचित व्यवस्था नहीं होने के करण कई बार प्लास्टिक को अन्य कूड़े करकट के साथ जला दिया जाता है, जिससे वायु प्रदुषण की समस्या होती है। Environmental pollution read more
प्लास्टिक प्रदुषण रोकने के उपाय
सबसे पहले तो हमें प्लास्टिक का अंधाधुंध इस्तेमाल बंद करना होगा। ऐसे कुछ क्षेत्र हैं, जहाँ प्लास्टिक वाकई बहुत जरुरी है। उदाहरण के लिए आधुनिक स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में जहाँ प्लास्टिक से डिस्पोजल सिरिंज, कैथेटर, कृत्रिम कॉर्निया, श्रवण यंत्र और कैप्स्यूल के आवरण बनाए जाते हैं। इनके लिए ऐसा कोई वैकल्पिक पदार्थ नहीं है, जो प्लास्टिक जितना ही सस्ता और प्रभावी हो। लेकिन ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहाँ प्लास्टिक के इस्तेमाल को काफी हद तक कम किया जा सकता है। कुल खपत का 35 फीसदी प्लास्टिक पैकेजिंग उद्योग में इस्तेमाल किया जाता है।
इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। शैंपू के सैशे (छोटे पैकेट), दाल, चावल, बिस्कुट और अन्य पदार्थों की खुदरा पैकेजिंग में प्लास्टिक का बहुत इस्तेमाल होता है । इसके जगह हमें जूट, कॉटन, चमड़ा, पेपर और रबर प्रकितिक चीजो का पयोग करना चाहिए
इस तरह कहा जा सकता है कि प्लास्टिक हमारे पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा है और हमारी सेहत पर इसका काफी नकारात्मक असर पड़ा है। प्लास्टिक से मुक्त दुनिया बनाने की दिशा में काम करने की महती जरूरत है। आइए, हम इस नजरिये के साथ शुरुआत करें कि अधिकांश मौकों पर प्लास्टिक के इस्तेमाल की कोई जरूरत नहीं है। एक बेहतर कल के लिए हम बेहतर आदते अपनए।
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good artical