Statue of Unity गुजरात के नर्मदा डिस्ट्रिक्ट के साधू बेट (Sadhu-Bet Kevadia, Gujarat) में स्थित है जो कि दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा है यह मूर्ति हमारे देश के महान व्यक्ति सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को समर्पित है यह स्टैचू साल 2018 में बनकर तैयार हुआ था लेकिन यह जब से पर्यटको के लिए ओपन हुआ है तब से लेकर आज तक लाखों पर्यटक यहां पर इस प्रतिमा को देखने के लिए आते हैं और यह एक फेमस टूरिस्ट स्पॉट भी बन गया है ।
सरदार वल्लभ भाई पटेल का योगदान – Sardar Vallabhbhai Patel ka Yogdan
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम् भूमिका निभाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के पहले गृहमंत्री और पहले उपप्रधानमंत्री भी थे 1947 में जब हमें आजादी मिली तब देश में 565 ऐसे रियासतें थी जो टूट के अलग हो सकती थी और तब पेशे से वकील और राजनीतिक कौशल के माहिर सरदार पटेल ने बिना समय गवाए एक एक कर सभी रियासतों के राजाओं से मुलाकात की उन्हें समझाया और उन्हें साथ जोड़ते हुए भारत के नक्शे को आज का आकार दिया सरदार वल्लभ भाई पटेल वो हैं जिन्होंने आजाद भारत का पहला अध्याय लिखा वो अध्याय जिसमें यह देश अनेकता के बाद भी एक रहा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी सपना Statue of Unity
आजादी के 75 साल बाद देश के इस योद्धा को उनका स्थान देने के बारे में सोचा गया जिसके वे सही हकदार थे और स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसकी कमान संभाली प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का सपना था की सरदार साहब का सम्मान विश्व में सबसे बड़ा होना चाहिए इसकी परिकल्पना उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में रहते हुए किया था प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी चाहते थे की यह सिर्फ एक मूर्ति नहीं होगी यहां एक जीवंत संदेश होगा यह अपने आप में देश की एकता का तीर्थ क्षेत्र बनेगा।
Statue of Unity को बनने के लिए सही स्थान का चुनाओ
प्रधानमंत्री पहले इसे किसी ऊंचे पर्वत पर उकेरना चाहते थे लेकिन उसकी STABILITY का भरोसा नहीं था और तब नर्मदा नदी के अंदर स्थित साधु पे द्वीप पर इसे स्थापित करने की योजना बनाई गई सरदार सरोवर बांध के ठीक सामने यह डैम सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की परिकल्पना थी। आज गुजरात की आधी जनता सरदार सरोवर बांध का पानी पी रहा है इस लिए इस बांध को गुजरात की जीवन रेखा कह सकते है।
DHOLERA SMART CITY
Dholera Smart City Project जिसकी चर्चा आज भारत के साथ पूरे विश्व में हो रही है। यह देश का पहला ग्रीन फील्ड स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट है यह सिंगापुर से डेढ़ गुना बढ़ा है। Dholera Smart … [Read more…]
सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट (SVPRET) की स्थपना
इस पप्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2011 में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट की स्थपना किया गया जिसे इस परिकल्पना को वास्तविक दुनिया में पूरा किया जा सके। इस प्रोजेक्ट के लिए समय सीमा तय की गई सिर्फ 45 महीने की और निर्माण की जिम्मेदारी मिली देश के सबसे बेहतरीन कंस्ट्रक्शन कंपनी Larsen & Toubro को समय सीमा निश्चित थी और काम बहुत ज्यादा क्योंकि इसके नीचे बनी थी एक ऐसी बिल्डिंग जिसमें म्यूजियम के साथ-साथ एलिवेटर की भी प्लानिंग थी जिसे यहां आए हुए लोग सीधा 135 मीटर ऊपर बनी व्यूइंग गैलरी तक पहुंचकर बादलों के बीच से सरदार सरोवर डैम और आसपास की खूबसूरती का मजा ले सके।
दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति – Duniya ki sabse badi murti
दुनिया के सभी ऊँची मूर्तियों में जहां क्राइस्ट रिडीमर की ऊंचाई 39.6 मीटर, स्टैचू ऑफ लिबर्टी की 93 मीटर, जापान के उश दाईबुत्सु की ऊंचाई 120 मीटर और तब तक के सबसे ऊंचे स्टैचू चाइना के स्प्रिंग टेंपल बुधा की ऊंचाई 153 मीटर थी वही स्टैचू ऑफ यूनिटी को इससे 29 मीटर ज्यादा यानी कि 182 मीटर का बनया गया है जो गुजरात के 182 निर्वाचन क्षेत्र की संख्या को दर्शाता है।
Statue of Unity के मूर्तिकार राम सुतार
सरदार पटेल एक काल्पनिक किरदार नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक व्यक्ति है इसीलिए उनकी प्रतिभा बनाना और भी कई ज्यादा कठिन था चेहरे या हावभाव में जरा सी भी चूक हो तो एक बड़ी नाराजगी का कारण बन सकता था जरूरत थी एक ऐसे कलाकार की जिसके हाथों में किसी भी मूर्ति में जान फूक देने की कला हो इसके लिए राष्टीय पुरुस्कार पद्मविभूषण से समानित मूर्तिकार राम वी. सुतार को इसकी जिमेदारी दिया गया इन्होने 1 साल की मेहनत से सरदार पटेल की 3 प्रतिमाओ का मोडल बनया। इस प्रतिमा को बनने के लिए लंबे समय तक अध्ययन चला पूरे देश से सरदार पटेल के जितने भी उनके पोज थे फोटोग्राफ थे, शिल्प की मुर्तिया थी सभी को मंगाया गया था ।
Statue of Unity को बानने में आने वाली चुनोतिया
182 मीटर की ऊंचाई पर खतरा हर चीज का था फिर चाहे वो लगातार चलती तेज हवा हो या मूसलाधार बारिश, गर्मियों की चुपति धूप हो या एक झटके में इमारतों को धारा शही कर सकने वाला भूकंप मुश्किलें कई सारी थी इस क्षेत्र में हवाए 130 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलती है लेकिन इस मूर्ति को अयसे बनाया गया है जो 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओ को भी झेल सके।
महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट अयोध्या धाम » Ayodhya Airport
Ayodhya Airport जिसे अब महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई एयरपोर्ट अयोध्या धाम के नाम से जाना जाएगा। 821 करोड़ की लागत से बने इस एयरपोर्ट को [Read More…]
पुरे देश से मंगाया गया मिट्टी और लोहा
आजादी के आन्दोलन में सरदार वाल्भ भाई पटेल का अहम योगदान था इसके लिए उन्होंने सबसे पहले देश के किसानो को जगाने का काम किया इसी लिए इस प्रतिमा से गांवों के किसानो को जोड़ने के लिए हिंदुस्तान के 6 लाख से अधिक गांवों में खेत में औजार के रूप में जो उपयोग में आने वाला लोहा है वैसा हर गांव से एक लोहे का औजार पुराना उपयोग किया हुआ मां भारती के साथ जिसका नाता रहा है उसे मंगाया गया ताकि इसे पिघलाकर इस मूर्ति में उपयोग किया जा सके इसके साथ साथ पुरे देश से मिटटी भी लाया गया जिसे यह मूर्ति राष्टीय एकता का प्रतीक बने ।
Statue of Unity को किस चीज से बनया गया है और इसको बनाने में कितना खर्च हुआ – statue of unity cost – statue of unity ko banane me kitna paisa laga
इस मूर्ति को बनने के लिए 24500 टन स्टील, 70000 टन सीमेंट, और 1700 टन ब्रॉन्ज के इस्तेमाल से इस मूर्ति को खड़ा किया गया Statue of Unity को बनाने में लगभग 3000 करोड़ का खर्च आया।
Statue of Unity का उद्घाटन कब हुआ
जमीन से आसमान को जोड़ती सरदार पटेल की यह कांस की प्रतिमा प्रमाण थी कि भारत ना सिर्फ दुनिया के सबसे ऊंचे मूर्ति को बनाने का दम रखता है बल्कि उसका निर्माण भी एक रिकॉर्ड तेजी से कर सकता है 31 अक्टूबर 2018 सरदार पटेल जी की 147 जन्मवर्षगांठ को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा जैसे ही स्टैचू ऑफ यूनिटी का Inauguration (उद्घाटन) हुआ गुजरात का यह छोटा सा इलाका एकता नगर सीधे वर्ल्ड मैप पर आ गया
लगभग प्रति दिन यहाँ पर 10000 पर्यटक घुमने आते है छूटी के दिनों में यह संख्या 20000 तक पहुच जाता है और जब लंबी छुट्टी होती है या त्यौहारका समय होता है तब यह आंकड़े 50000 तक भी पहुंच जाते है ।
एकता नगर की अस्तित्व में आने की यात्रा – Ekta Nagar to statue of unity
एक नगर, श्रेष्ठ नगर, प्रकृति पर्यावरण और पर्यटन का संगम एकता नगर Statue of Unity के निर्माण के बाद एकता के संदेश के साथ-साथ शुरू हुई एकता नगर जिसे केवड़िया कहा जाता है ऐसे नगर की अस्तित्व में आने की यात्रा एक ऐसा प्रणाली बनाने की यात्रा जिसमें यहां के स्थानीय जनजाति जनसंख्या को जल्द से जल्द रोजगार और बेहतर जिंदगी दोनों मिल सके
इसके लिए एकता नगर को चुना गया जिससे यहाँ के स्थानीय लोगो का विकास हो सके क्योकि किसी भी क्षेत्र का विकास तब संभव है जब उस स्थान पर कुछ विशेष चीजे हो जो लोगो को अपनी ओर आकर्षित करे जैसे कोई पर्यटक स्थल यह क्षेत्र गुजरात के अविकसित क्षेत्रो में से एक था यहाँ रहने वाले लोगो के पास उच्च स्तर की शिक्षा नहीं थी और ना अपनी आजीविका चलने के लिए इनके पास रोजगार था ।
अन्य पर्यटन स्थल का निर्माण
केवड़िया जंगल सफारी – jungle safari statue of unity Sardar Patel Zoological Park, Ektanagar
सरदार पटेल की विशाल प्रतिमा के बाद अगर कुछ है जो पर्यटक को अपने ओर अकर्षित करने वाला है तो ओ है जंगल सफारी इसे बनने के लिए एक समतल धरातल नहीं होने के कारण इसे पहाडीयों के ऊपर बनया गया है इसे अलग अलह 7 levels में बनया गया है जो 27 मीटर से 180 मीटर तक के उचाई पर है इस सफारी में जानवरों ले लिए बड़े बड़े दिवाल बनया गया है जो कांच के है इससे पर्यटक जानवरों को और भी करीब से देख सकते है इस जंगल सफारी के अंदर लगभग 1500 पशु पक्षी प्राणी जिन्हें 17 अलग अलग देशों से और भारत के अलग अलग राज्यों से लाकर यहाँ बसाया गया है
एकता नर्सरी – Ekta Nursery
एकता नर्सरी के बनने से यहाँ के लगभग 300 अधिक महिलओ को सीधे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है
भारतवन – Valley of Flowers
खूबसूरत सोच से बनी यह Valley of Flowers या भारतवन 24 एकड़ में फैली हुई एक ऐसी महकती फूलों की घाटी है जिसे दुनिया के हर रंग के फूलों से सजाया गया 2016 में 48000 पौधों से शुरू हुआ यह भारत वन आज 22 लाख से भी ज्यादा पौधों को पनपने का अवसर दे रहा है ।
MIYAWAKI FOREST
मियावाकी फॉरेस्ट का नाम जापान के मशहूर बोटेनिस Dr. Akira Miyawaki के नाम पर आधारित है उनके द्वारा विकसित की गई तकनीक से पेड़-पौधों को 10 गुना तेजी से बढ़ाया और 30 गुना घना किया जा सकता है अगर किसी जगह की मिट्टी उपजाऊ नहीं रही हो तो मियावाकी तकनीक उस क्षेत्र को फिर से हरा भरा करने का बहुत अच्छा तरीका होती है इस तकनीक का फायदा उन स्थानई लोग उठा सकते हैं जिनके पास जगह तो बहुत कम है लेकिन प्रकृति के करीब रहना चाहते है ।
आरोग्यवन – AROGYA VAN
इंसान और प्रकृति की ऐसी ही करीबी को दिखाता है 17 एकड़ में फैला हुआ आरोग्य वन, इस वन में अच्छे स्वास्थ्य की और लोगों को जागरूक करने के लिए इस वन में लगभग 80 मीटर लंबाई का एक 3-Dimensional Shapes वाली मानव की आकृति बनया गया बनाया गया जिसके अलग-अलग अंगो में ऐसे वनस्पति लगाए गए हैं जो इंसान के शरीर के उस हिस्से के लिए उपयोगी हो
MAZE GARDEN
यहाँ तीन एकड़ से भी अधिक के क्षेत्र में फैली वेदों में बताए गए श्री यंत्र की तर्ज पर देश की सबसे बड़ी भूल-भुलैया MAZE GARDEN भी बनया गया है जो पर्यटको को अपनी ओर आकर्षित करता है
Statue of Unity तक पहुचने के साधन
- रोड मार्ग
- ट्रेन मार्ग
- हवाई मार्ग
रोड मार्ग
अगर आप बस के द्वारा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तक पहुंचना चाहते हैं तो आपको केवड़िया तक आना होगा केवड़िया को एकता नगर के नाम से भी जाना जाता है आपको केवड़िया तक के लिए बड़ोदरा या फिर अहमदाबाद से डायरेक्ट बस की सुविधा मिल जाएगी वड़ोदरा से केवड़िया की दूरी लगभग 85 किमी की है और अहमदाबाद से लगभग 190 किमी कि दुरि पर है
रेल मार्ग – Statue of unity nearest railway station
अगर आप ट्रेन से स्टैचू ऑफ यूनिटी तक आना चाहते हैं तो आप अपने शहर से एकता नगर रेलवे स्टेशन तक ट्रेन के कि सहायता से पहुंच सकते हैं एकता नगर रेलवे स्टेशन स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का सबसे निकट रेलवे स्टेशन है यहां की कनेक्टिविटी चेन्नई, मुंबई, दिल्ली,वाराणसी, अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों से यहाँ से आपको केवड़िया जाने के लिए free में बस मिल जाएगी जो ट्रेन के समय अनुसार चलती है ।
हवाई मर्ग
अगर आप फ्लाइट की सहायता से स्टैचू ऑफ यूनिटी तक आना चाहते हैं तो आप वड़ोदरा या फिर अहमदाबाद एयरपोर्ट तक फ्लाइट की सहयता से आ सकते हैं इसके बाद वहां से आप बस या फिर प्राइवेट टैक्सी बुक करके केवड़िया तक पहुंच सकते हैं ।
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