- ब्राह्मनी बत्तख(Ruddy shelduck) एक पक्षी है। इसे सुर्खाब, चकवा-चकवी आदि नामों से भी जाना जाता है। यह बत्तख भारत में ही नहीं अफ्रीका, यूरोप और एशिया के कई देशों में पाई जाती है।

- भारत में गर्मी के लगभग 4-5 महीनों में ये लद्दाख, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, हिमालय की ऊँचाइयों में दिखाई पड़ती हैं। ये इनके प्रजनन स्थान भी हैं।
- सर्दियों के दिनों में ये हमारे देश के दक्षिण की तरफ दिखाई पड़ती हैं। इसी समय ये छत्तीसगढ़ में भी दिखाई। पड़ती है। परंतु ये यहाँ प्रजनन नहीं करती हैं।
- सर्दियों में ब्राह्मनी डक(Ruddy shelduck) सिर्फ हमारे देश के अन्य स्थानों से ही नहीं बल्कि उत्तर पूर्व के अन्य देशों से भी आती है।
- जब किसी जीव के जीवनकाल में प्राकृतवास बदलता है तो एक प्राकृतवास से दूसरे प्राकृतवास में जाना प्रवास कहलाता है। इस प्रक्रिया में जीव कुछ समय बाद पुनः अपने स्थायी प्राकृतवास में लौट जाता है।
- समुद्र तट से 5000 मीटर तक की ऊँचाइयों पर घास के विशाल मैदान, मीठे व खारे पानी के तालाब, दलदल और नदियों के तट ब्राह्मनी बत्तख(Ruddy shelduck) के प्रजनन स्थल हैं।
- प्रजनन के दौरान पोषण की जरूरतें अधिक होती हैं, अंडे देने के लिए सुरक्षित जगहों की जरूरत पड़ती है और यह सब इन्हें हिमालय के इलाकों में मिल जाता है।

- यहीं के घास, अनाज, अन्य बीज, झींगा, मेंढक, कीड़े आदि इनका भोजन है।
- इन स्थानों पर सर्दी के आते-आते जब खाद्य का यह स्रोत कम हो जाता है तब ये खाने की तलाश में यहाँ की अपेक्षा कम ठंडे स्थानों की ओर निकल पड़ती हैं।
- वयस्क बत्तखों के साथ संतान बत्तख भी होते हैं। ये बत्तख इन कम ठंडे स्थानों पर नदियों, झील-तालाबों, दलदल, खेतों, बाँधों आदि के तट पर दिखाई देती हैं। समुद्र के तट से ये दूर रहती हैं।
- ब्राह्मनी बत्तख(Ruddy shelduck)मुख्य रूप से निशाचर पक्षी है। यह सर्वाहारी है और घास, पौधों के युवा अंकुर, अनाज और पानी के पौधों के साथ-साथ जलीय और स्थलीय अकशेरूकीय दोनों पर फ़ीड करता है । जमीन पर यह पत्ते पर चरता है, पानी में यह उथले में थपकी देता है, और अधिक गहराई पर, यह ऊपर समाप्त होता है, लेकिन यह गोता नहीं लगाता है। wikipedia…
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